Book Details
Authored By: डॉ० प्रवीण कुमार अंशुमान
Publisher: Authorspress
ISBN-13: 9789355290434
Year of Publication: 2021
Pages: 120 | Binding: Paperback(PB) |
Category: Literary Criticism & Theory
Price in Rs. 161.00 | Price in (USA) $. 29.95 |
Book Description
यह पुस्तक ‘शब्द-संवाद’ ‘सव्यसाची’ नामक एक व्हाट्सअप ग्रुप में लगभग पाँच महीने (19 अप्रैल 2020 – 02 अक्टूबर 2020) तक लेखक के द्वारा प्रेषित किए गए प्रतिदिन के ‘अविचारों’ का एक दिनांक सहित क्रमवार संग्रह है । इस पुस्तक में उल्लिखित लेखक के मौलिक ‘अविचारों’ पर ग्रुप के कुछ अन्य बुद्धिजीवियों द्वारा की गयी निष्पक्ष और सार्थक टिप्पणियों को प्राक्कथन, परिशेष, अनुशेष, और परिशिष्ट के रूप में संकलित किया गया है । पुस्तक के रूप में ‘शब्द-संवाद’ एक सजगता भरी ‘समझ’ का नाम है, जिसके केंद्र में ‘विचार’ नहीं, ‘अविचार’ है । लेखक के अनुसार, जो कुछ भी इस जगत् में सोचने से पैदा होता है, वह ‘विचार’ है, मगर जो समझ से पैदा हो, वह ‘अविचार’ होता है । पुस्तक में उद्धृत लगभग सभी ‘अविचार’ न सिर्फ़ विचारों की जड़ता को चुनौती देते हैं, बल्कि रूढ़िनिर्मित दीवारों को ध्वस्त भी करते हैं । इस पुस्तक के केंद्र में संपूर्णता से आविष्ट मंथन का आह्वान है, जो कि एक समग्र दृष्टि का ही एक स्वाभाविक-सा परिणाम है ।
डॉ० प्रवीण कुमार अंशुमान दिल्ली विश्वविद्यालय के नॉर्थ कैंपस में स्थित किरोड़ीमल कॉलेज के अंग्रेज़ी विभाग में असिस्टेंट प्रोफ़ेसर के रूप में विगत ग्यारह वर्षों से अध्यापन का कार्य करते आ रहे हैं । इन्होंने अपनी सारी उच्च शिक्षा की डिग्री काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बी०एच०यू०) से प्राप्त की । इनकी रुचि के प्रमुख विषयों में भारतीय परम्परा एवं संस्कृति, दलित चिंतन, और ओशो का साहित्य सम्मिलित है । इसके अलावा इनकी विशेष रुचि कविता, शायरी, और कहानी लेखन के साथ-साथ वाचन में भी है । इन्होंने पिछले एक वर्ष के अंदर दस हज़ार से ज़्यादा शायरियों और लगभग पंद्रह सौ कविताओं की रचना की है । वैसे तो इनकी अकादमिक रूप से मुख्यतः आठ पुस्तकें अभी तक प्रकाशित हो चुकी हैं, मगर रचनात्मकता की दृष्टि से ‘शब्द-संवाद’ इनकी पहली पुस्तक है, जो विचारों के आत्यन्तिक विमर्श और मंथन के उपरांत निष्कर्षित ‘समझ’ का परिणाम है ।